प्रेस विज्ञप्ति : 6 अगस्त 2019
स्वराज इंडिया, हरियाणा
स्वराज इंडिया, बलात्कार और हत्या के अपराध में सज़ा काट रहे अपराधी “डेरा मुखी” राम रहीम गुरमीत को जेल से पैरोल/छुट्टी देने का विरोध करती है : योगेन्द्र यादव
* अगर जेल अधीक्षक ने इस हार्ड कोर अपराधी को पैरोल दी या देने की सिफ़ारिश की तो स्वराज इंडिया इसे कोर्ट में चुनौती देगी : राजीव गोदारा
• कल 7 अगस्त 2019 को स्वराज इंडिया के एक डेलिगेट सुनारिया जेल अधीक्षक को मिल कर इसे बाबत ज्ञापन देकर विरोध दर्ज करेंगे : दीपक लाम्बा
इस बार हाई कोर्ट में डेरा मुखी को पैरोल दिए जाने की दरखास्त उनकी पत्नी ने लगाई, कहा कि उनके पति की माँ बीमार हैं व चाहती हैं कि बेटे (डेरा मुखी) की हाजरी में इलाज करवाना चाहती हैं । हाईकोर्ट ने मामला जेल अधीक्षक के पास भेज कर फैसला करने के लिए कहा है।
स्वराज इंडिया डेरा मुखी की अस्वस्थ माता जी के जल्द स्वास्थ्य होने की शुभेच्छा व्यक्त करता है।
स्वराज इंडिया हरियाणा भर के लोगों से अपील करता है कि आओ मिलकर आवाज़ उठाएं व सत्ता को बता दें कि सरकार द्वारा वोट के लालच में हरियाणा को फिर से अशांति की आग में झोंक देने के असंवेदनशील व्यवहार को जनता सहन नहीं करेगी!
डेरे की साध्वियों से बलात्कार व निडर पत्रकार छत्रपति की हत्या केस में सजा काट रहा अपराधी “डेरा मुखी” तीन कारणों से पैरोल का हकदार नहीं है।
1. डेरा मुखी हार्ड कोर अपराधी है। इसलिए पैरोल का हकदार नहीं । इस अपराधी को अगस्त 2017 में बलात्कार केस में आजीवन सजा व जनवरी 2019 में हत्या केस में 20 साल सज़ा हुई है। लगातार दो केसों सज़ा होने के आधार पर यह हार्ड कोर अपराधी की श्रेणी में आता है।
2. अगस्त 2017 में सजा सुनाए जाने के समय डेरा समर्थकों ने हरियाणा व पंजाब में जिस तरह की हिंसा फैलाई थी, उसे देखते हुए स्पष्ट है कि डेरा मुखी को पैरोल मिलने से राज्य में शांति भंग होंगी व कानून व्यवस्था बनाई रखने के लिए फिर गोलियां चलेंगी व खून बहाया जाएगा।
3. छत्रपति हत्या केस में तो सज़ा सुनाए हुए अभी मात्र छह महीने हुए हैं, तो पैरोल की दरखास्त पर विचार ही नहीं होना चाहिए।
* स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार तो वोट के लालच में अंधी हुई है मगर विपक्ष तो मुंह खोले उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि विपक्ष भी सरकार के रास्ते पर क्यों चल रही है !
स्वराज इंडिया, हरियाणा के अध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा कि
खट्टर सरकार भूल गई है कि “वोट वाले अपराधी” को जब सज़ा हुई व जेल भेजा गया था तब किस कदर कानून व्यवस्था बिगड़ी व किस तरह हरियाणा के साथ ही पंजाब में भी सामाजिक अशान्ति का माहौल बना था !
ऐसे हालत में डेरा मुखी (बलात्कार व हत्या केस में घोषित अपराधी सजायाफ्ता) को पैरोल पर छोड़ना हरियाणा व पंजाब दोनों में शांति भंग करने का ठोस अंदेशा पैदा करता है।
इन हालातों में हमारा ये विचार है कि राम रहीम, हत्या और बलात्कार का अपराधी है और उसे पैरोल मिलने से कानून व्यवस्था के ख़राब होने का डर है. वैसे भी हार्डकोर अपराधी को पैरोल की सुविधा कानूनन नहीं मिल सकती । इसलिए जेल अधीक्षक डेरा मुखी को पैरोल देने की दरखास्त इसी आधार पर खारिज कर दिया जाए।
जारी कर्ता
ऋषव
मोबाइल : 9534251489